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ऑनर किलिंग पर मेरे विचार

मेरे विचार आपके सामने
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ठी इज्ज़त को बचाने की खातिर अपने ही परिवार के किसी सदस्य की हत्या कर देना। क्या मेरा जवाब सही है!!!!
में सिर्फ इतना ही कहना चाहती हूँ कि “किसी भी इंसान की ज़िंदगी उससे छीन लेने का हक़ क्या किसी दूसरे इंसान को है ?? क्या किसी से प्रेम जैसा अपराध (जो लोग अपराध समझते हैं) होने की सज़ा उस व्यक्ति की ज़िंदगी लेना है ?बाकी चाहे वो किसी की हत्या कर देता ,किसी छोटी सी बच्ची का बलात्कार कर देता या किसी मासूम बच्चे को अपनी कुत्सित इच्छा की पूर्ति के लिए बलि चढ़ा देता … तो उसके लिए सब माफ !! चोरी ,डकैती ,अपहरण जैसे अपराध तो कोई मायने ही नहीं रखते । चाहे वो किसी बम ब्लास्ट में असंख्य निर्दोष लोगो को मार दे । सब निम्न श्रेणी के अपराध हैं । बस उसे “प्रेम” ही नहीं करना चाहिए था । दूसरा प्रश्न ऑनर किलिंग के नाम पर केवल मासूम लड़कियों की ही बलि क्यूँ दी जाती है ????क्यूंकि लड़कियों को जहां परिवार पर बोझ माना जाता है वहीं उसका यह कदम उसके “स्वतंत्र “होने का डर परिवार के हर सदस्य को अखरता है । जबकि प्रेम स्वतन्त्रता का नहीं भावना का प्रतीक है ।
जब लड़कियों से प्रेम जैसा अपराध होता है । ऐसा तो नहीं है कि वो आसमान में छुपकर प्रेमी से मिलने जाती हो । ऐसी स्थिति का थोड़े ही दिनों में परिवार के हर सदस्य को एहसास हो जाता है । तब उसे प्यार से उसके भविष्य के बारे में समझाया क्यूँ नहीं जाता । मार_पीट ,खाना बंद करना इंसान को और भी उग्र बनाता है ।ये ही वो कारण होते है जब लड़की बगावत पर उतारू हो जाती है । ऐसे मेँ उसका निर्णय और परिवार के सदस्यों का उसके प्रति क्रोध ऑनर किलिंग का कारण बनता है ।लेकिन अगर यही सब लड़का करे तो कोई भी उसकी हत्या करने की सोच भी नहीं सकता क्यूँ?
बहुत ही कम मामलो मेँ परिवार के सदस्य अपने ही बेटे की हत्या ऑनर किलिंग के लिए करते होंगे । जबकि बेटी के लिए उसके व लड़के के परिवार का हर सदस्य फुफकारता फिरता है क्यों??
तीसरा सवाल ?जो माँ बेटी को पैदा करती है , जन्म देती है क्या उसकी हत्या (ऑनर किलिंग)के लिए राज़ी होती है ?????? नहीं ।
जब जीवन देने वाली ही जीवन नहीं लेना चाहती तो फिर और किसी को क्या अधिकार है किसी का भी जीवन छीनने का !!वो भी झूठी इज्ज़त की खातिर। जब लड़का या लड़की के कदम बहके थे या उन्हे प्रेम हुआ था समाज को तो तभी पता चल गया था तो किस इज्ज़त को बचाने के लिए ऑनर किलिंग की ?”इससे साफ पता चलता है कि हत्या इज्ज़त के लिए नहीं बल्कि एक लड़की द्वार अपने परिवार के पुरुष सदस्यों की आज्ञा की अवमानना के कारण हुई ।”
नए व पढे _लिखे समाज का निर्माण हो रहा है । सब संस्कृतियाँ आपस में मिली_जुली हैं। ऐसे में लोगों का मानसिक स्तर का विकास होना चाहिए या ऑनर किलिंग जैसे अपराध होने चाहिये ।
मानव सभ्यता के मूल मे झाँकिए जहां न समाज था , न ही कबीले , न हीं बस्तियाँ तब किसने सोचा होगा कि किसकी शादी किससे होनी चाहिये ??
जब हम बच्चों को पढ़ा रहे हैं ,लिखा रहे हैं तो हमे उन्हे स्वतन्त्रता भी प्रदान करनी होगी कि वो अपने भविष्य का फैसला खुद सोच समझकर लें । उन्हे मार्गदर्शन देना माता _पिता का काम है । माता_पिता कहीं न कहीं अपने फर्ज़ निभाने में चूक रहे हैं। तभी समस्या सर उठा रही है प्रेम ,प्रेम है वह कोईऊ अपराध नहीं बस हमें अपने अपने बच्चों के सपनों के राजकुमार या राजकुमारी का ऐसा चित्र बचपन से ही उनके दिमाग में अंकित करना चाहिये जो उनके भविष्य और ज़िंदगी के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में उनका मार्गदर्शन करे । प्रेम वह भावना है और चढ़ती जवानी ऐसा समय होता है जो हर इंसान के जीवन में आता है । ये हमे नहीं भूलना चाहिये । माँ _बाप कभी भी अपने बच्चों कि हत्या के बारे में सोच भी नहीं सकते चाहे वो इज्ज़त कि खातिर ही क्यूँ न हो । ये तो परिवार के दूसरे सदस्य ही उन्हे ऐसा करने पर मजबूर करते हैं । मैंने कई ऐसे परिवार देखें है जो बहिन को तो अपनी झूठी इज्ज़त कि खातिर भेंट चढ़ा चुके हैं । पर अपनी बेटी को दूसरे समुदाय में उसकी अपनी मर्ज़ी से विवाह करने कि अनुमति आसानी से दे दी । ये कोई बड़ी समस्या नहीं है ।बस इसके मूल में जाकर इसके समाधान कि आवश्यकता है । ये प्रेम ही है जिसमें कृष्णा से पहले लोग राधा का नाम लेते हैं । ….. पूनम राणा “मनु”

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